Blogs

Heat Stroke : लू लगने के लक्षण और उपाय

Heat Stroke : लू लगने के लक्षण और उपाय

गर्मी के मौसम में जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, वैसे ही भारत में हीट स्ट्रोक के मामले भी बढ़ते हैं। खासकर मई और जून की गर्मी की लहर के दौरान, हीट स्ट्रोक एक गंभीर चिंता का विषय है और इसके जानलेवा परिणाम हो सकते हैं। 

 

हीट स्ट्रोक अत्यधिक तापमान में लंबे समय तक रहने के कारण होता है और इसे तत्काल इलाज की जरूरत होती है। आमतौर पर डिहाइड्रेशन तथा शरीर के तापमान नियंत्रण प्रणाली की विफलता के कारण होता है। शरीर का तापमान अगर 104 फार्नेहाइट से अधिक होता है तो इसे  हीट स्ट्रोक का लक्षण माना जाता है। भीषण गर्मी या लू में बाहर निकलने पर शरीर बहुत जल्दी डिहाइड्रेट हो जाता है यानी शरीर में पानी की कमी हो जाती है और ऐसे में हीट स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा होता है। 

 

शरीर का सामान्य तापमान 98.6 फार्नेहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) होता है। वातावरण का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर शरीर की त्वचा इसे नियंत्रित करती है। इसलिए पसीना निकलना शुरू हो जाता है। वातावरण का तापमान सामान्य से चार-पांच डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर शरीर को अपना तापमान नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। इस कारण शरीर की गर्मी नियंत्रित करने का सिस्टम बिगड़ जाता है। 

 

हीट स्ट्रोक के लक्षण:

 

हीट स्ट्रोक आमतौर पर तब होता है जब शरीर में पानी और नमक की मात्रा कम हो जाती है और पसीना आना भी बंद हो जाता है। 

 

  • तेज सिरदर्द, मतली और उल्टी
  • चक्कर आना और सर घूमना
  • गर्मी के बावजूद पसीना न आना
  • लाल, गर्म और सूखी स्कीन
  • मांसपेशियों में कमजोरी लगना या ऐंठन का अनुभव
  • धड़कन का तेज होना
  • साँस लेने में तकलीफ
  • घबराहट और बेचैनी
  • दौरे आना, बेहोशी की हालत

 

हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखने पर क्या करें...

 

  • लू लगने पर मरीज को तुरंत छायादार या ठंडी जगह पर लिटायें। 
  • शरीर को ठंडा रखने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं। 
  • रूम के अंदर कूलर या AC की मदद से ठंडा वातावरण बनाएं 
  • अगर मरीज लू लगने से बेहोश हो गया है तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।

 

हीट स्ट्रोक से बचाव के उपाय ( लू लगने के उपाय )

 

- गर्मियों के दिनों में हल्का भोजन करें

- खीरा, ककड़ी, तरबूज जैसे शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाने वाले पदार्थों का सेवन करे। 

- ढीले और पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना निकलें।

- खासकर, बच्चे, बुजुर्ग व महिलाये तेज धूप में घर से अधिक न निकले।

- हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक और काले कपड़े ना पहने।

- गर्मी के दिनों में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकलें। 

- ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते का इस्तेमाल करें।

- अधिक मात्रा में पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ लेकर जाएं।

- फलों का जूस, नारियल पानी, सतू, बेल का शरबत, छाछ आदि के इस्तेमाल से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।

 

हीट वेव के दौरान सावधानी बरतें, हाइड्रेटेड रहें, दिन के सबसे गर्म समय में मेहनत भरी गतिविधियों से बचें और वातानुकूलित स्थानों पर आश्रय लें। अगर किसी व्यक्ति में हीट स्ट्रोक के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर पास ले जाए। 

Previous
मधुमेह (Diabetes) और उसके घरेलू एवं प्राकृतिक उपचार!
Next
5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ जो बढ़ाती हैं आपकी स्टैमिना और उर्जा